लखनऊ। उत्तर प्रदेश में आईएएस-आईपीएस विवाद प्रकरण पर आक्रामक हुए आईपीएस एसोसिएशन का सरकार पर दबाव असर कर गया। प्रदेश सरकार ने सोमवार को आईपीएस अफसरों की कई लंबित मांगों को मान लिया। अब थानाध्यक्ष की नियुक्ति में जिला अधिकारी की लिखित अनुमति लेना बाध्यकारी नहीं होगा, लेकिन नियुक्ति जिला अधिकारी के मशविरा पर ही की जाएगी। सरकार ने यह भी आश्वासन दिया है आईपीएस के प्रोन्नति के मामलों में तेजी लाई जाएगी।
बीते बुधवार को बस्ती में मंडलायुक्त के एसपी सिद्धार्थनगर के पद पर रहे मोहित गुप्ता को अपमानित करने पर आईपीएस एसोसिएशन के तेवर को देखते हुए सोमवार को मुख्य सचिव ने अपने कार्यालय में बैठक की। इसमें सुरक्षा सलाहकार करमवीर सिंह के साथ ही एसोसिएशन के पदाधिकारी भी थे। बैठक के बाद मुख्य सचिव ने कहा कि अब पुलिस मैन्युअल के अनुरूप ही थानाध्यक्षों की तैनाती की जाएगी।
थानाध्यक्षों की तैनाती में जिला अधिकारी की लिखित अनुमति लेना बाध्यकारी नहीं होगा। वरिष्ठता सूची के आधार पर पुलिस कप्तान थानाध्यक्षों की तैनाती जिला अधिकारी से विमर्श के बाद करेंगे। यदि दोनों की सहमति न हुई तो रेंज आईजी या डीआइजी थानाध्यक्षों की तैनाती करेंगे।
यह व्यवस्था पहले थी लेकिन वर्ष 2008 में राज्य सरकार ने परिवर्तन करते हुए जिला अधिकारी से लिखित अनुमति को बाध्यकारी बना दिया था। एसोसिएशन की एक अन्य मांग प्रदेश में आईजी जोन व्यवस्था बहाल करने की थी। मुख्य सचिव ने कहा कि अभी चुनाव चल रहे हैं, ऐसे में मांग पर अभी कोई आश्वासन देना संभव नहीं है। चुनाव बाद इस मामले में विचार किया जाएगा। आईपीएस संवर्ग की रिक्तियों और प्रोन्नति के प्रकरणों में तेजी लाई जाएगी।
आईपीएस एसोसिएशन के सचिव अरुण कुमार ने कहा कि सरकार से वार्ता के बाद पदाधिकारी संतुष्ट हैं। प्रकरण को अब खत्म मान लिया गया है। उन्होंने कहा मुख्य सचिव ने आश्वासन दिया है कि बस्ती में मंडलायुक्त के एसपी को अपमानित किए जाने के मामले में गठित जांच समिति की रिपोर्ट आने के बाद जल्द कार्रवाई की जाएगी।
मालूम हो कि बीते गुरुवार को बस्ती के मंडलायुक्त रहे अनुराग श्रीवास्तव ने सिद्धार्थनगर के एसपी रहे मोहित गुप्ता को अपशब्द कहते हुए एक बैठक से बाहर निकाल दिया। इस पर आईपीएस एसोसिएशन ने नाराजगी जताते हुए चुनाव आयोग से शिकायत की। आयोग ने सिद्धार्थनगर की जिला अधिकारी बी चैत्रा व एसपी मोहित गुप्ता को हटा दिया लेकिन अनुराग श्रीवास्तव के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई। इससे नाराज 2004 से 2007 बैच के दो दर्जन से अधिक अफसरों ने रविवार को आईपीएस एसंोसिएशन के सचिव को इस्तीफा भेज दिया था। इस दबाव के कारण अनुराग श्रीवास्तव हटा दिए गए।
जांच टीम पहुंची बस्ती, आयोग पहुंचे मोहित गुप्ता
-प्रकरण की जांच के लिए गठित जांच समिति सोमवार को बस्ती पहुंच गई। टीम ने सिद्धार्थनगर व संत कबीरनगर के डीएम-एसपी से इस मामले की जानकारी ली। सिद्धार्थनगर की पूर्व डीएम वी चैत्रा और एसपी मोहित गुप्ता का भी बयान दर्ज किया गया।
मोहित गुप्ता ने सोमवार को मुख्य निर्वाचन अधिकारी उमेश सिन्हा से भी मुलाकात की। सूत्रों के अनुसार इस बीच बस्ती के आयुक्त पद से हटाए गए अनुराग सिन्हा ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखा है।
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