विशेषज्ञों की मानें तो सी-सैट के लागू होने से छात्रों को प्रश्न पत्र में अपनी क्षमताओं व परफॉर्मेंस को बेहतर ढंग से आंकने का मौका मिलेगा. अब जीएस ‘डिसाइडिंग फैक्टर’ साबित होगा. बैंक, रेलवे, टीचिंग आदि के कंपटीशन में पूछे जाने वाले प्रश्न लगभग सामान होते हैं. ऐसे में जो छात्र पहली बार आईएएस (प्रारंभिक) डे रहे हैं, उनको जनरल एप्टीट्यूड टेस्ट के प्रश्नपत्र में सहूलियत होगी.
परीक्षा के स्वरूप में बदलाव के बारे में स्पेक्ट्रा आईएएस को डायरेक्टर लीना सिंह का कहना है कि ‘बदले सामाजिक आर्थिक, राष्ट्रीय परिदृश्य में बेहतर कैंडीडेट्स की खोज करना इस परीक्षा का मुख्य मकसद है. जहां ज्यादा जोर विषयों की प्रासंगिकता तय करने पार होगा.’
परीक्षा के स्वरूप में बदलाव के बारे में स्पेक्ट्रा आईएएस को डायरेक्टर लीना सिंह का कहना है कि ‘बदले सामाजिक आर्थिक, राष्ट्रीय परिदृश्य में बेहतर कैंडीडेट्स की खोज करना इस परीक्षा का मुख्य मकसद है. जहां ज्यादा जोर विषयों की प्रासंगिकता तय करने पार होगा.’
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