विशेषज्ञों के अनुसार, आईआईटी और आईएएस की परीक्षा में सुपर ब्रेन का ही चयन होता है. पहले ही प्रारंभिक परीक्षा इसमें खरी नहीं उतर पा रही थी. कोई भी परीक्षा तभी बेहतर और सक्षम मानी जा सकती है, जब इसमें सम्मिलित होनेवाले स्टुडेंट्स को एक ही तराजू में तौला जाए. आईएएस की प्रारंभिक परीक्षा में पहले जीएस के अलावा वैकल्पिक विषय का चयन करना पड़ता था. सभी वैकल्पिक विषयों के अलग-अलग सिलेबस थे. इस कारण कोई अच्छा स्कोर कर लेता, तो कोई कड़ी मेहनत के सफल नहीं हो पाता था. सी-सैट का सिलेबस इस तरह से बनाया गया है कि इसमें बेस्ट कैंडीडेट्स का चयन आसान हो चला है.
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