Tuesday 13 August 2013

एथिकल हैकिंग


मैं एक प्रोफेशनल हैकर बनना चाहता हूं। मैंने कॉमर्स से ग्रेजुएशन की है। मैं सिक्योरिटी और एथिकल हैकिंग से जुड़े कुछ कोर्स करना चाहता हूं। मुझे संबंधित करियर संभावनाओं के बारे में भी बताएं।

मोहम्मद अदनान खान

साइबर सिक्योरिटी विशेषज्ञों की पूरे संसार में काफी मांग है। आज सभी संस्थान, जिनमें बैंक, होटल्स, एयरलाइंस, टेलिकॉम कंपनियां, आईटी कंपनियां, आउट सोर्सिंग यूनिट्स, सरकारी एजेंसियां आदि शामिल हैं, को साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट की जरूरत होती है।
एथिकल हैकर के पास प्रोग्रामिंग और नेटवर्किंग स्किल्स के साथ विभिन्न ऑपरेटिंग सिस्टम्स की भी अच्छी जानकारी होनी चाहिए। कंप्यूटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर्स की भी उम्दा जानकारी जरूरी है। एथिकल हैकर बनने के लिए जो बेसिक जरूरत है, वह है सर्टिफाइड एथिकल हैकिंग ट्रेनिंग या साइबर सिक्योरिटी कोड।
देश में इससे संबंधित कुछ ही कोर्स उपलब्ध हैं, जिनमें ज्यादा प्रॉडक्ट ओरिएंटेड  कोर्स हैं या जो स्पेशलाइज्ड कोर्स हैं, वे विदेशी संस्थाओं से टाईअप के रूप में हैं। सर्टिफाइड इंफॉर्मेशन सिस्टम सिक्योरिटी प्रोविजन (सीआईएसएसपी) सर्टिफिकेशन जाना-माना कोर्स है।
एनआईआईटी भी इंफॉर्मेशन सिक्योरिटी सिस्टम्स में कोर्स ऑफर करता है। इनके अलावा विभिन्न कंपनियां जैसे सिस्को, ग्लोबल ई-सिक्योर, एपिन ऑनलाइन स्पेशलाइज्ड कोर्स कराती हैं। इनमें से किसी भी कोर्स का चयन कर आप इस क्षेत्र मे अपना करियर बना सकते हैं।
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बनें एथिकल हैकर

कई बार आपके पास फर्जी ईमेल आते होंगे, आपका ईमेल अकाउंट कभी हैक भी हुआ होगा, या आपने अपने किसी दोस्त से सुना होगा कि उसका अकाउंट किसी ने हैक कर लिया है और उससे ठगी वाले कुछ मेल भेजे जा रहे हैं। हैकिंग का यह रूप पेशेवर नहीं है, लेकिन इसका एक रूप ऐसा भी है जिसकी मदद से सरकार या खुफिया एजेंसियां किसी एकाउंट को हैक कर वहां से गोपनीय जानकारी इकट्ठा करती हैं। इससे उन्हें अपनी जांच को आगे बढ़ाने या सबूत जुटाने में मदद मिलती है। इसे देखते हुए एथिकल हैंकिंग जैसा कोर्स करियर के लिहाज से काफी अहम है।
साइबर स्पेस में हैकिंग एक ऐसा शब्द है जिसे सुनकर आम तौर पर लोग सहम जाते हैं। वास्तव में हैकिंग भी वायरस की तरह कंप्यूटर की एक बड़ी समस्या है। हैकिंग के द्वारा हैकर आपके कंप्यूटर या आपके संबंधित अकाउंट पर हैकर पूरी तरह से हावी हो जाता है। इसके बाद उसे आपके डेटा को चुराने या खत्म करने की आजादी मिल जाती है। वाई-फाई इंटरनेट कनेक्शन से चलने वाले सिस्टम को हैक करना ज्यादा आसान होता है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कंप्यूटर में घुसपैठ की बढ़ती समस्या से ही निपटने के लिए एथिकल हैकर्स का नया कोर्स करियर के लिए विकल्प के तौर पर एक बेहतरीन मौका बनकर सामने आया है।

बढ़ती डिमांड

यह कोर्स नया है, इसके बारे में लोगों की जानकारी भी कम है। इस वजह से यह क्षेत्र काफी एक्साइटिंग है। इसके विशेषज्ञों की मांग लगातार बढ़ रही है। जैसे-जैसे लोगों की निर्भरता इंटरनेट पर बढ़ती जा रही है, नेटवर्क सिक्युरिटी एक चुनौती बनती जा रही है। इस लिहाज से आने वाले दिनों में एथिकल हैंकर्स की डिमांड उम्मीद से कहीं ज्यादा होगी। हरेक कंपनी अपने आंकड़ों को सुरक्षित रखने या प्रतिद्वंद्वी कंपनी की रणनीति को समझने के लिए एथिकल हैकर्स रखने लगी हैं।

एथिकल हैकर के गुण

एथिकल हैकर एक ऐसा व्यक्ति है जो कानूनी तौर पर हैकिंग से बचने के लिए अपने सिस्टम को चुस्त बनाता है। ऐसे लोगों को क्रिमिनल की तरह सोचने की क्षमता होनी चाहिए, ताकि अपराधियों के दिमाग को समझा जा सके और किसी संभावित अटैक से सिस्टम को बचाया जा सके। उसे कंप्यूटर के टूल्स और तकनीक का गहन ज्ञान होना चाहिए। इस क्षेत्र में कामयाबी के लिए हैकर को कंप्यूटर की गहरी जानकारी के अलावा इंटरनेट की बारीकियों से भी अवगत होना जरूरी है। साइबर क्राइम और एथिकल हैकिंग के बारे में अपडेट रहने से भी हैकर को काफी मदद मिलती है। ईमेल ट्रेस करना, नेटवर्क हैक करना, इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी की छानबीन और फायरवॉल को उड़ाने का बेसिक ज्ञान हैकर्स के लिए जरुरी है।

कोर्स में क्या

एथिकल हैकिंग कोर्स में इंटरनेट से संबंधित तमाम बारीक चीजों के बारे में सिखाया जाता है। इससे संबंधित कोर्स में सिक्यgरिटी टेस्टिंग की कार्य प्रणाली, ऑफेसिंग स्निफिंग, प्रीविलेज एस्कलेटिंग, हैकिंग, अटैकिंग नेटवर्क वर्क सिस्टम, हैकिंग वेब ऐप्लिकेशन, क्रॉस साइट स्क्रिप्टिंग, ब्रेकिंग आईपी, डिफेसमिंव टेकनीक, सिस्टम हैकिंग पासवर्ड क्रैकिंग, पैनेट्रेशन टेस्टिंग हैकिंग वेबसर्विस वायरस ऐंड वर्म आदि से संबंधित जानकारी दी जाती है।

योग्यता

भारत में कम संस्थान इस कोर्स को कराते हैं। ज्यादातर संस्थानों से एथिकल हैकिंग में पोस्ट ग्रैजुएट डिप्लोमा किया जा सकता है। इसके लिए ग्रेजुएट होना जरूरी है। वर्तमान में कंप्यूटर के एक्सपर्ट ही ऐसे कोर्स कर रहे हैं जिसके कारण एथिकल हैकर्स की काफी कमी है। सरकारी खुफिया विभाग या अन्य विभाग के लोग भी इस कोर्स को कर रहे हैं। विदेश में यह कोर्स इंटरनेट के जानकार अनिवार्य रूप से कर रहे हैं।

जॉब प्रॉस्पेक्ट

इंटरनैशनल डेटा कॉर्प की एक रिपोर्ट के अनुसार पूरे विश्व में इंफर्मेशन सिक्युरिटी प्रफेशनल्स की मांग आने वाले वर्षों में तेजी से बढ़ेगी। इस बढ़ी हुई जरूरत के कारण ही बड़ी-बड़ी आईटी और कम्यूनिकेशन कंपनियां तक एथिकल हैकर्स की नियुक्ति को प्राथमिकता दे रही है। आईटी और कंप्यूटर से जुड़ी कंपनियों के अलावा अन्य कंपनियों में भी साइबर स्पेस की सुरक्षा के लिए एथिकल हैकर्स की मांग बढ़ी है।
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एथिकल हैकिंग में बनाएं अपना कॅरियर,सेमीनार में दिए टिप्स जीजीएनआईएमटी में 


लुधियाना । एथिकल हैकिंग कंप्यूटर्स के फील्ड में काफी संभावनाओं भरा कॅरियर है। एथिकल हैकर बन कर आप सुरक्षित कॅरियर अपना सकते हैं। गुजरांवाला गुरु नानक इंस्टीट्यूट फॉर मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी (जीजीएनआईएमटी) में एथिकल हैकिंग एंड इट्स एसोसिएट कॅरियर विषय पर हुए सेमिनार में डा परमिंदर सिंह ने यह जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि एथिकल हैकिंग का उपयोग साइबर क्राइम को रोकने में महत्वपूर्ण है। इसकी सबसे ज्यादा मांग पुलिस मे हैं और मल्टीनेशनल कंपनियों में। यह कंपनियां अपने डाटा की सुरक्षा के लिए भी हैकर्स की सेवाएं लेती हैं। 

फिलहाल एथिकल हैकिंग का सबसे ज्यादा उपयोग पुलिस में हो रहा है। हर जिले में साइबर क्राइम सेल में ऐसे माहिरों की आवश्यकता है। एथिकल हैकिंग का अर्थ है कि अपनी इस कला का उपयोग जनहित में करना। पूना के स्कूल के अलावा कुछ निजी संस्थान यह कोर्स करवा रहे हैं। लेकिन इसके लिए टूल्स सिर्फ बताए जाते हैं, प्रेक्टिकल नहीं कराए जाते। सेमिनार में बीसीए एवं एमसीए के विद्यार्थियों ने भाग लिया। चलते प्रोग्राम में अपना कब्जा जमाना ही हैकिंग है।
पेंटरेशन टेस्टिंग, इंट्रयूजन टेस्टिंग एवं रेड टीमिंग आदि इसके नाम हैं। उन्होंने इस संबंध में उपयोग होने वाले टूल्स की जानकारी दी। कुलदीप सिंह, पीएस खट्टरा एवं गुणवंत दुआ भी इस मौके पर मौजूद थे।
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एथिकल हैकिंग के तरीके सुन स्टूडेंट्स रह गए दंग




एथिकल हैकिंग के तरीके सुन स्टूडेंट्स रह गए दंग
जयपुर। बदलते वक्त के साथ अपराध के तरीके भी बदल गए हैं। कभी एकाउंट हैकिंग तो कभी इन्फॉर्मेशन स्टोलेन जैसे कई साइबर क्राइम आज आम बात हो गई है। यह कहना था यंग एथिकल हैकिंग एक्सपर्ट हितेश चौधरी का, जो भांकरोटा स्थित राजस्थान कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग फॉर वीमेंस में गल्र्स को एथिकल हैकिंग के बारे में बता रहे थे। स्टूडेंट्स को एथिकल हैकिंग से बचाने और इसकी जानकारी देने के लिए कॉलेज की ओर से दो दिवसीय वर्कशॉप की शुरुआत मंगलवार को की गई। उन्होंने कहा कि क्राइम के तरीके हाइटेक हो चुके हैं। साथ ही टेक्नोलॉजिकल एडवांसमेंट भी काफी हुए हैं। बस जरूरत है तो टेक्नोलॉजी को समझने की ओर उसके सही उपयोग की।



चौधरी ने आज के यूथ को टैक्नोलॉजी के सही इस्तेमाल और सही प्रस्तुतिकरण के बारे में बताया। कॉलेज के कंप्यूटर साइंस विभाग के अध्यक्ष राकेश शर्मा ने बताया कि आज के दौर में कोई भी आधुनिक तकनीक से अछूता नहीं है। हर उम्र वर्ग के लोग रोजमर्रा में कहीं न कहीं किसी तरह से इससे जुड़े हैं। फिर चाहे बैंक की जानकारी लेनी हो या रेलवे ई टिकिट बुक कराना हो। चौधरी से स्टूडेंट्स ने सवाल कर अपनी जिज्ञासा भी शांत की। उन्होंने सोशल नेटवर्किंग साइट पर भी काम करते समय सावधानी बरतने की बात की। साथ ही उसमें फोटो लगाते समय भी फोटो की साइज और पिक्सल आदि की जानकारी दी।
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बन जाइए एथिकल हैकर! How to become Ethical Hacker


इंट्रो : आईटी क्षेत्र में एथिकल हैकिंग कैरियर केलिहाज से एक नई राह है। एथिकल हैकर बनकर आईटी सिक्योरिटी की फील्ड में युवा अपने भविष्य को उज्ज्वल बना सकते हैं।



पवन दुग्गल --- ''आज कंपनियों को अपनी आईटी सिक्योरिटी सुनिश्चित करने के लिए अच्छे एथिकल हैकरों जरूरत है। इस फील्ड में प्रवेश के लिए आईटी डिगरी होना जरूरी नहीं, इंटरनेट और हैकिंग टेक्नीक्स में तीव्र इच्छा रखने वाले युवा भी यहां आ सकते हैं।ÓÓ

आमतौर पर आईटी क्षेत्र में 'हैकिंगÓ शब्द का इस्तेमाल नकारात्मक तौर पर किया जाता है। लेकिन वास्तविकता यह है कि इसके पीछे रोजगार का एक विस्तृत क्षेत्र छिपा है जिसका नाम है 'आईटी सिक्योरिटीÓ। दरअसल बढ़ते साइबर क्राइम से निपटने और कंप्यूटर सिस्टम की दुनिया में असुरक्षित घुसपैठ रोकने के लिए 'एथिकल हैकिंगÓ एक नई और कारगर फील्ड बनकर उभरी है। आज बड़ी संख्या में देश के युवा आईटी सिक्योरिटी वल्र्ड में कैरियर बनाने के उद्देश्य से इस ओर रुख कर रहे हैं।

क्या होता है काम
एथिकल हैकर एक तरह से आईटी सिक्योरिटी प्रोफेशनल होता है। उसमें वह सभी खूबियां होती है जो एक हैकर में होती है, लेकिन इन खूबियों का इस्तेमाल वह कै्रकिंग में न करके कंप्यूटर और साइबर वल्र्ड में सुरक्षात्मक उद्देश्यों के लिए करते हैं। इन्हें सुरक्षा विश्लेषक, पैनीट्रेशन टेस्टर्स या वाइटहैट हैकर भी कहा जाता है। ये कंपनी के इंफोरमेशन सिस्टम को ब्लैकहैट हैकर्स से सुरक्षित रखते हैं। अकसर ब्लैकहैट हैकर कंपनी के आईटी नेटवर्किंग सिस्टम या सर्वर में तकनीकी घुसपैठ कर उसे नुकसान पहुंचाते हैं। इन गड़बडिय़ों को रोकना इन्हीं प्रोफेशनल्स का काम होता है। कंपनी के कंप्यूटर नेटवर्क एक्सेस की सुरक्षा नीतियां क्या होंगी, इसकी जिम्मेदारी भी इन्हीं लोगों की होती है। इन नीतियों में इंटरनेट एक्सेस मैथड्स, पासवर्ड यूसेज और सर्वर द्वारा डाटा एक्सेस आदि शामिल होते हैं।

कैसे बन सकते हैं एथिकल हैकर
जाने माने साइबर एक्टपर्ट पवन दुग्गल ने बताया कि यह फील्ड टेक्नीकल बैग्रांड की मांग करती है, यही वजह है कि आज आईटी ग्रेजुएट्स बढ़ी संख्या में इस फील्ड में भविष्य बना रहे हैं। लेकिन यहां आने के लिए किसी आईटी डिगरी अनिवार्य नहीं होती। उन्होंने बताया युवाओं में इस ओर बढ़ते रुझान के कारण देश-विदेश में विभिन्न संस्थान एथिकल हैकिंग समेत आईटी सिक्योरिटी से संबंधित बहुतेरे कोर्स संचालित करने लगे हैं, जिसे कर नॉन टेक्नीकल लाइन के विद्यार्थी भी इस फील्ड में कैरियर बना सकते है, बशर्ते नवीनतम हैकिंग टेक्नोलॉजी में उनकी जबरदस्त रुचि हो।

पवन दुग्गल ने बताया कि एक प्रोफेशनल एथिकल हैकर बनने के लिए बेसिक एथिकल हैकिंग ट्रेनिंग सबसे जरूरी है। हैदराबाद में स्कूल ऑफ एथिकल हैकिंग के अलावा देश भर में इस कोर्स के लिए बहुत से संस्थान खुले हए हैं। 'ई-काउंसिल सर्टिफाइड एथिकल हैकरÓ कोर्स से इस फील्ड में कैरियर की शुरुआत की जा सकती है। ई-काउंसिल द्वारा संचालित इस कोर्स को करने के लिए आवेदक को विंडो या लाइनेक्स जैसे किसी एक ऑपरेटिंग सिस्टम का ज्ञान होना चाहिए। साथ ही नेटवर्किंग में एक साल का अनुभव और ओएसआई एवं टीसीपी/आईपी मॉडल्स के बारे में भी अच्छी जानकारी होनी चाहिए। ईसी-काउंसिल द्वारा संचालित विभिन्न आईटी सिक्योरिटी कोर्सेज की अधिक जानकारी के लिए इसकी वेबसाइट द्धह्लह्लश्च://222.द्गष्ष्शह्


वठ्ठष्द्बद्य.शह्म्द्द पर लॉग-इन कर सकते हैं। वैसे इस फील्ड में कैरियर बनाने के लिए भारत के अनेक संस्थानों में 'अंकित फारिया सर्टिफाइड एथिकल हैकिंग कोर्सÓ उपलब्ध है। इसके अलावा ऑनलाइन कोर्स का विकल्प भी खुला है।



कहां है रोजगार
नेसकॉम की एक रिपोर्ट के मुताबिक अगले साल मार्केट में आईटी सिक्योरिटी एक्सपर्ट की मांग १० लाख तक पहुंच जाएगी।

पवन दुग्गल ने बताया कि आज साइबर और आईटी एक्ट के चलते तमाम कंपनियां कंप्यूटर, नेटवर्किंग और साइबर सिस्टम की सुरक्षा को लेकर काफी एहतियात बरत रही हैं। एथिकल हैकर ही उन्हें यह सिक्योरिटी मुहैया कराकर कानूनी झमेलों से बचाते हैं। कोर्स करने के बाद विभिन्न मल्टीनेशनल कंपनियों, छोटी और मध्यम आकार की इंटरप्राइसिस में बड़े पैमाने सिक्योरिटी एडमिनिस्ट्रेटर, नेटवर्क सिक्योरिटी स्पेशलिस्ट या सिक्योरिटी विश्लेषक जैसे विभिन्न पदों पर नौकरियां मिल सकती हैं। बैंक, बीपीओ, साइबर सिक्योरिटी और फोरेंसिक आर्गेनाइजेशन्स में इन प्रोफेशनल्स के लिए बेशुमार रोजगार के मौके हैं। सरकारी विभागों की साइबर सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाली विभिन्न संस्थाओं में भी मौका मिल सकता है। समय समय पर अनेक आईटी कंपनियां अन्य कंपनियों की साइबर सिस्टम सिक्योर करने केलिए कॉन्ट्रेक्ट लेती है, जहां पार्ट टाइम काम करने का मौका भी मिल सकता है। इसके अलावा अगर आप जॉब में इंटरस्टेड नहीं है तो बतौर साइबर सिक्योरिटी कंसल्टेंट भी अच्छा पैसा कमा सकते हैं।

कमाई
इस क्षेत्र में आपको कमाई को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं। यहां फ्रैशर को सालाना ३ से ४.५ लाख रुपये की नौकरी मिल सकती है। चार से पांच साल का अनुभव होने केबाद बड़ी आईटी साफ्टवेयर कंपनियों में रोजगार मिल सकता है, जहां १० से १४ लाख का पैकेज मिलने की उम्मीद होती है। और अधिक अनुभव होने पर विदेशों में मौजूद नामी-गिरामी आईटी कंपनियों के साथ काम करने का अवसर भी मिल सकता है।

बॉक्स मैटर
इस क्षेत्र के शिखर पर पहुंच चुकेअंकित फारिया आईटी सिक्योरिटी प्रोफेशनल्स के समक्ष एक बेहतरीन मिसाल हैं। इस फील्ड में अपनी जबरदस्त पैठ जमा चुके२४ वर्षीय अंकित आज विश्वप्रसिद्घ एथिकल हैकर हैं। वह इस विषय पर कई किताबें भी लिख चुकेहैं। वर्तमान में दिल्ली पुलिस को साइबर सिक्योरिटी की टे्रनिंग दे रहे हैं।

बॉक्स मैटर
कोर्सेज
सर्टिफाइड एथिकल हैकर
कंप्यूटर हैकिंग फॉरेंसिक इंवेस्टिगेटर
ईसी-काउंसिल सर्टिफिकेट सिक्योरिटी एनालिस्ट
सर्टिफाइड नेटवर्क डिफेंस आर्किटेक्ट
अंकित फारिया सर्टिफाइड एथिकल हैकिंग
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एथिकल हैकिंग साइबर वर्ल्ड के बनें पहरेदार


दुनियाभर में लोगों, संस्थाओं और कंपनियों की कंप्यूटर पर बढ़ती निर्भरता के साथ साइबर अपराधियों की धमक भी तेजी से बढ़ रही है. ऐसे में कंप्यूटर के जरूरी डेटा को हैकर्स से बचाये रखने के लिए ‘एथिकल हैकर्स’ की मांग आज तेजी से बढ़ रही है. क्या है एथिकल हैकिंग और कैसा है इस क्षेत्र में कॅरियर, जानकारी दे रहा है अवसर..

सारी दुनिया पर ‘साइबर अपराध’ का खतरा लगातार बढ़ रहा है. कंप्यूटर और ऑनलाइन सेवाओं पर लोगों और कंपनियों की बढ़ती निर्भरता के बीच कंप्यूटर हैक करने वाले अपराधियों की धमक भी तेजी से बढ़ रही है. हाल के कुछ वर्षो में कंप्यूटर से महत्वपूर्ण गोपनीय दस्तावेज लीक होने और इमेल हैकिंग की घटनाएं दुनियाभर में तेजी से बढ़ी हैं. इससे व्यक्ति विशेष ही नहीं, संस्थान और देश की सुरक्षा को भी खतरा उत्पन्न होने की आशंका बढ़ गयी है.

इस मामले में भारत को सबसे ज्यादा खतरा चीन से है, जहां के हैकरों ने भारत के खिलाफ एक साइबर जंग शुरू कर रखी है. चीन में स्थित हैकरों के समूह भारतीय कंप्यूटरों और वेबसाइटों को समय-समय पर निशाना बना रहे हैं. चीनी हैकर भारत के नेशनल इन्फॉरमेटिक्स सेंटर और विदेश मंत्रलय को भी निशाना बना चुके हैं. इनके द्वारा अति संवेदनशील जानकारियां चुरायी जा रही हैं.
हालांकि हैकिंग का सिर्फ नकारात्मक अर्थ नहीं निकाला जाना चाहिए. हैकिंग के विशेषज्ञ सरकार और सरकारी एजेंसियों को मदद भी पहुंचाते हैं. सरकारी और खुफिया एजेंसियां भी हैकिंग के जरिये अपने काम की सूचनाएं और सबूत जुटाती हैं. यही कारण है कि देश और दुनिया के कई संस्थान अब ऐसे विशेषज्ञ तैयार करने के लिए एथिकल हैकिंग का कोर्स भी कराती हैं.
क्या है एथिकल हैकिंग
सुरक्षा के मद्देनजर सभी कंप्यूटर और ऑनलाइन अकाउंट के लिए पासवर्ड सेट किये जाते हैं. ये पासवर्ड ज्यादा सुरक्षित हों, इसके लिए कई तरीके भी बताये जाते हैं. बावजूद इसके अकसर महत्वपूर्ण जानकारियां पलक झपकते ही देश की सरहद से दूर बैठे लोगों तक पहुंच जा रही हैं. हैकिंग का यह काम कंप्यूटर के जानकारों द्वारा किया जाता है. ऐसी अनधिकृत हैकिंग रोकने का जिम्मा एथिकल हैकर का होता है और इस पूरी प्रक्रिया को एथिकल हैकिंग का नाम दिया गया है.
एक दशक पहले 2002 में आयी अनुपम खेर निर्देशित फिल्म ओम जय जगदीश कुछ इसी थीम पर थी. कॉलेज के प्रधानाचार्य के ऑफिस के कंप्यूटर से प्रश्न पत्र निकालने पर अभिषेक बच्चन को हैकर यानी कंप्यूटर चोर घोषित कर दिया जाता है. वहीं हैकिंग रोकने के लिए बनाये गये सॉफ्यवेयर को एक बड़ी कंपनी में बेचने पर उसे भारी रकम मिलती है. इस उदाहरण को यहां पेश करने का मकसद यह बताना है कि दूसरे केस में अभिषेक बच्चन ने एक एथिकल हैकर का काम किया और बड़े पैमाने पर चल रही हैंकिंग को 100 सेकेंड में रोकने लायक एक सॉफ्टवेयर बनाया.
आकड़ों की नजर में इंडस्ट्री
एथिकल हैकिंग का प्रयोग सबसे पहले 1980 के दशक में देखने को मिला था. 1990 तक आते-आते इसमें रोजगार मिलना शुरू हो गया. उस दौरान यह नाम कुछ ही लोगों की जुबान पर था. धीरे-धीरे यह प्रचलन में आ गया. नासकॉम की एक रिपोर्ट की मानें तो देश में 77 हजार एथिकल हैकरों की प्रतिवर्ष आवश्यकता है, जबकि 25-30 हजार प्रोफेशनल्स ही प्रतिवर्ष सामने आ रहे हैं. यानी आवश्यकता के हिसाब से पूर्ति बहुत कम है. मुंबई पर आतंकी हमले के बाद इसकी मांग में और तेजी आयी. रिपोर्ट के अनुसार यह मांग आने वाले समय में और अधिक बढ़ने की उम्मीद है, क्योंकि हर क्षेत्र में कंप्यूटर का दखल बढ़ता जा रहा है और लोग अपनी सारी गोपनीय जानकारियां कंप्यूटर में ही रखना चाह रहे हैं.
कब करें यह कोर्स
एथिकल हैकिंग से संबंधित कई तरह की डिग्री और डिप्लोमा कोर्स आज मौजूद हैं. कुछ कोर्स ऐसे भी हैं, जिनमें एथिकल हैकिंग एक विषय के रूप में पढ़ाया जाता है. हर कोर्स के लिए अलग योग्यता है. वैसे सर्टिफाइड हैकर बनने के लिए इ-कॉमर्स काउंसिल का सर्टिफिकेट होना जरूरी है. इन योग्यताओं के साथ-साथ इसमें कंप्यूटर की जानकारी को सर्वोपरि रखा जाता है. बैचलर व मास्टर कोर्स कंप्यूटर एप्लीकेशन से संबंधित होते हैं. बैचलर कोर्स में दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा पास करना जरूरी है. अंकित फाडिया सर्टिफाइड एथिकल हैकर कोर्स भी प्रचलन में है.
कोर्स से जुड़ी जानकारी
कोर्स के दौरान छात्रों को कंप्यूटर सिक्योरिटी से जुड़ी पूरी जानकारी प्रदान की जाती है. क्लास में प्रेजेंटेशन टेस्ट, गैजेट्स की जानकारी, हैकिंग, पासवर्ड क्रैकिंग, मालवेयर एनालिसिस, पोर्ट स्कैनिंग, बफर ओवरफ्लो आदि के बारे में विस्तार से बताया जाता है. कोर्स के दौरान ही छात्र सिक्योरिटी से संबंधित समस्याओं की रिपोर्ट करने, नियम के दायरे में रहकर काम करने, बायोमेट्रिक्स सिस्टम पर प्रोजेक्ट तैयार करने और हालिया घटित हैकिंग के कुछ नये मामलों पर चर्चा करते हैं.
कंप्यूटर नेटवर्किग का रखें ज्ञान
इस प्रोफेशन में सबसे जरूरी है कंप्यूटर नेटवर्किग नॉलेज. बिना इसके लंबी रेस का घोड़ा नहीं बना जा सकता. इसके अलावा प्रोफेशनल्स को जावा, यूनिक्स व सी++ में भी दक्ष होना जरूरी है. साथ ही उसे अपना दिमाग हमेशा खुला रखना होगा और नेटवर्किग से जुड़ी हर जानकारी को आत्मसात करना होगा. प्रॉब्लम सॉल्विंग, एनालिटिकल स्किल्स, सिक्योरिटी सिस्टम और कंप्यूटर का गहरा ज्ञान लाभकारी रहेगा.
संभावनाएं हैं अपार
कोर्स समाप्त होने के बाद प्रोफेशनल्स को किसी कंपनी में सिक्योरिटी एनालिस्ट, चीफ इंफॉर्मेशन ऑफिसर, प्रेजेंटेशन टेस्टर व नेटवर्किग स्पेशलिस्ट के रूप में काम करने का अवसर मिलता है. प्रेजेंटेशन टेस्टर के रूप में प्रोफेशनल्स फायरवॉल की जांच करते हैं, जिससे कि गैर जरूरी चीजों का प्रवेश रोका जा सके. जबकि नेटवर्किग स्पेशलिस्ट को संस्थान के कंप्यूटर नेटवर्क, सॉफ्टवेयर आदि की सुरक्षा का जिम्मा होता है.
फायदे-नुकसान के साथ रोजगार
एथिकल हैकिंग का कोर्स करने के बाद उम्मीदवार बैंक, एयरलाइन्स, होटल्स, टेलीकॉम कंपनी, आउटसोर्सिग यूनिट्स, आइटी सर्विस कंपनी, रिटेल चेन, इंटरनेट फर्म्स आदि में काम कर सकते हैं. ध्यान रखें-
* यह एक चुनौतीपूर्ण और जॉब ओरिएंटेड कॅरियर है.
* काबिलियत की बदौलत अभ्यर्थी टॉप पर पहुंच सकते हैं.
* हर वक्त जानकारियों से अपडेट रहने की आवश्यकता.
* जरा सी चूक फेर सकती है मेहनत पर पानी.
आकर्षक है पैकेज
इसमें नौकरियां बहुत हैं, साथ ही आकर्षक सैलरी पैकेज भी. यह लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचता है. साइबर विशेषज्ञ पवन दुग्गल के अनुसार इस क्षेत्र में शुरुआती दौर में 40 से 60 हजार रुपये प्रतिमाह की सैलरी मिलती है. यदि प्रोफेशनल्स के अंदर स्किल्स हैं, तो 80 से 90 हजार प्रतिमाह का भी पैकेज पा सकते है.
मल्टीनेशनल कंपनियों या विदेश जाकर नौकरी करने पर यह पैकेज काफी ज्यादा होता है. यदि प्रोफेशनल्स  अपना खुद का काम कर रहे हैं, तो वह अपनी क्षमता की बदौलत कमाई सकते हैं.
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एथिकल हैकिंग २

जैसे-जैसे कंप्यूटर और इंटरनेट पर हमारी निर्भरत बढ़ती जा रही है, वैसे-वैसे हम साइबर अपराध के गिरफ्त में आते जा रहे हैं. हाल के कुछ वर्षो में इंटरनेट के जरिए कंप्यूटर से महत्वपूर्ण व गोपनीय दस्तावेज लीक होने और इ-मेल हैकिंग की घटनाएं दुनियाभर में तेजी से बढ़ी हैं. इससे व्यक्ति विशेष ही नहीं, संस्थान और देश की सुरक्षा को भी खतरा उत्पन्न होने की आशंका बढ़ गयी है. इस मामले में भारत को सबसे ज्यादा खतरा चीन से है, जहां के हैकरों ने भारत के खिलाफ एक साइबर जंग शुरू कर रखी है.
चीन में स्थित हैकरों के समूह भारतीय कंप्यूटरों और वेबसाइटों को समय-समय पर निशाना बनाते रहे हैं. चीनी हैकर भारत के नेशनल इनफॉरमेटिक्स सेंटर और विदेश मंत्रलय को भी निशाना बना चुके हैं. ऐसे में हैकिंग के विशेषज्ञ सरकार और सरकारी एजेंसियों को मदद पहुंचाते हैं. मोटे तौर पर कहें तो ऐसी अनिधकृत हैकिंग को रोकने का जिम्मा एथिकल हैकर का होता है और इस पूरी प्रक्रि या को ‘एथिकल हैकिंग’ का नाम दिया गया है.
अब तक जहां हैकिंग को केवल नकारात्मक रूप में जाना जाता था, एथिकल हैंकिंग उसका दूसरा पहलू है. एथिकल हैकिंग का प्रयोग सबसे पहले 1980 के दशक में देखने को मिला था. 1990 तक आते-आते इसका विस्तार हुआ और आज कई संस्थान साइबर अपराध से निपटने के लिए बकायदा एथिकल हैकरों की कुशल टीम तैयार कर रहे हैं.
एक एथिकल हैकर को कंप्यूटर के साथ नेटवर्किग की गहन समझ होती है. एक अपराधी की तरह वह भांप सकता है. तमाम साइबर क्राइम से निबटने व संस्थाओं के आइटी सिस्टम्स को सुरक्षा देने में एथिकल हैकरों की अहम भूमिका होती है.

और ये रहे इसी सवाल पर आपके मजेदार जवाब
* साइबर वल्र्ड की पुलिसिया टीम जो कारवाई करती है, उसे एथिकल हैकिंग कहते हैं.
रंजीत मंडल, जसीडीह
* एथिकल हैकिंग के जरिए कंप्यूटर व इंटरनेट से छेड़छाड़ करनेवाले मुजरिमों को सबक सिखाया जाता है.
श्रीराम, झरिया
*किसी दूसरे के इ-मेल को बिंदास देखने का लाइसेंस है एथिकल हैकिंग.
विकास ओझा, गया

थर्ड पार्टी इंश्योरेंस क्यों होता है?
थर्ड पार्टी इंश्योरेंस एक ऐसा कवर है, जो फस्र्ट पार्टी यानी इंश्योर्ड शख्स के द्वारा थर्ड पार्टी को हुए नुकसान के लिए होता है. इसे समझने के लिए पहले फस्र्ट, सेकेंड और थर्ड पार्टी को जानना जरूरी है. फस्र्ट पार्टी वह शख्स होता है, जो अपनी गाड़ी का इंश्योरेंस करा रहा है. सेकेंड पार्टी इंश्योरेंस वह कंपनी होती है, जिससे यह कवर लिया गया है.
थर्ड पार्टी कोई तीसरा शख्स होता है, जिसे फस्र्ट पार्टी की वजह से नुकसान पहुंचा है. थर्ड पार्टी इंश्योरेंस में इस तीसरे शख्स को होनेवाले नुकसान की भरपाई की जाती है यानी अगर आपकी गाड़ी से सड़क पर चल रही दूसरी गाड़ी या किसी शख्स को नुकसान होता है तो थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कवर के तहत उस शख्स को हुए नुकसान की भरपाई आपकी इंश्योरेंस कंपनी करेगी. इसके लिए सालाना प्रीमियम की रकम निर्धारित होती है, जो कार या टू-व्हीलर की क्षमता पर निर्भर करती है.
इस बारे में नियम यह है कि बिना थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कराये कोई भी गाड़ी सड़क पर नहीं आ सकती. इसे कराना अनिवार्य होता है. अपनी गाड़ी को होनेवाले नुकसान के लिए (ओन डैमेज इंश्योरेंस) भी आप इंश्योरेंस करा सकते हैं और नहीं भी, लेकिन थर्ड पार्टी कराना इंश्योरेंस कराना जरूरी होता है. सड़क पर दौड़ती तमाम पुरानी गाड़ियों का आमतौर पर सिर्फथर्ड पार्टी इंश्योरेंस कवर ही होता है.

और ये रहे इसी सवाल पर आपके मजेदार जवाब
*अगर दो व्यक्ति मिलकर किसी तीसरे का बीमा कराते हैं, तो उसे थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कहते हैं.
निकिता धर, गोमो
*सड़क पर दो गाड़ियों के टक्कर के बीच अगर कोई तीसरा गाड़ी पीस जाये, तो इसका हर्जाना लेने के लिए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कराना बहुत जरूरी होता है.
मनतोष दास, हजारीबाग
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एथिकल हैकर की डिमांड ज्यादा


कोटा। पहली बार कोटा आए युवा एथिकल हैकर अंकित फाडिया ने भास्कर से खास बातचीत में कहा कि दुनियाभर में हैकिंग व साइबर क्राइम से सरकारें, सेना, पुलिस, बैंक, कापरेरेट सेक्टर और इंटरनेट यूजर्स खासे परेशान हैं। एथिकल हैकर्स की डिमांड ज्यादा होने से इसमें अच्छा कॅरिअर बनाया जा सकता है। इसके लिए एक प्रोग्रामिंग लैंग्वेज, नेटवर्किग, यूनिक्स ऑपरेटिंग सिस्टम का नॉलेज और एक क्रिमिनल की तरह सोचने की क्षमता होना जरूरी है।




उन्होंने कहा कि वाईफाई नेटवर्क होने से साइबर आतंकी कभी भी संसद की गोपनीय सूचनाएं भी हैक कर सकते हैं। इससे बचने के लिए हमें साइबर सिक्योरिटी पॉलिसी और साइबर ऑडिट जैसे विकल्पों पर तेजी से अमल करना होगा। संवेदनशील डाटा ऑनलाइन होने से हाई रिस्क रहती है, इसे कोई भी क्रिमिनल हैकर सर्च कर सकता है। बचपन में खेल-खेल में हैकिंग करने वाले अंकित एथिकल हैकर के रूप में अंतरराष्ट्रीय पहचान बना चुके हैं।
४५ देशों में १ हजार लाइव सेमिनार

कार्यक्रम संयोजक अविनाश बेदी ने बताया कि 25 साल के अंकित फाडिया अब तक हैकिंग पर 14 किताबें लिख चुके हैं। उन्होंने 12 साल की उम्र में देश में हैकिंग पर सबसे पहली किताब लिख दी थी। अब तक 45 से ज्यादा देशों में 1 हजार लाइव सेमिनार व कंसलटेंसी ट्रेनिंग दे चुके फाडिया डिजिटल इंटेलीजेंस कंसल्टेंट भी हैं। वे ईथिकल हैकिंग पर पीजी डिप्लोमा व डिग्री कोर्स भी चलाते हैं। भारत-पाक साइबर आतंकी हमले के दौरान 16 साल की उम्र में आतंकी धमकियां मिलने पर उन्हें 7 दिन पुलिस सुरक्षा में रहना पड़ा था।
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http://hinditechpanthi.blogspot.in/2011/11/hackingwhat-is-it.html

हैकिंग - ये क्या है?|| Hacking–What is it?


"हैकिंग" गतिविधियाँ , पिछले दशक से कला का दर्जा प्राप्त कर चुकी हैं. तकनीकी भाषा में हैकिंग का अर्थ होता है किसी कंप्यूटर नेटवर्क में प्रवेश करना उससे जानकारी अथवा तथ्य प्राप्त करने हेतु , यह प्रवेश अधिकृत अथवा अनधिकृत हो सकता है | किंतु यहाँ ये बताना अत्यंत आवश्यक है, की आजकल अनधिकृत प्रवेश को क्रैकिंग कहा जाने लगा है, आज से एक दशक पहले हैकिंग को तीन भागों में विभाजित किया जाता था {और यकीन मानिए, वैश्वीकरण  के इस युग में भी हम इस मामले में थोड़े से पिछड़े हुए हैं और अगर आप आज भी कहीं बाहर एथिकल हैकिंग का कोर्स करने जाते हैं तो आप पाएगे की ज्यादातर किताबों में आज भी इसका वर्गीकरण पिछले दशक की जानकारी पर ही किया जा रहा है}, ये तीन भाग हैं -
  1. व्हाईट हैट हैकर , अर्थात वह हैकर जो मौलिक रूप से किसी गलत उद्देश्य से कंप्यूटर नेटवर्क में प्रवेश नहीं करता है 
  2. ग्रे हैट हैकर, अर्थात वह हैकर जिसका प्रवेश मौलिक रूप से गलत तो होता है पर उसका उद्देश्य नेटवर्क पर लिंक्ड कंप्यूटर को नुक्सान पहुँचाना या डाटा चोरी नहीं होता है 
  3. ब्लैक हैट हैकर, अर्थात वह व्यक्ति जिसका उद्देश्य हानि पहुँचाना या/और डाटा चोरी होता है
बदलते तकनीकी परिवेश के साथ ही यह वर्गीकरण भी बदलता जा रहा है, और जैसा आप इस लेख की शुरुआत पढ़ कर अनुमान लगा ही सकते हैं की अब तीसरी श्रेणी यानि ब्लैक हैट हैकर्स को “क्रैकर्स” कहा जाता है,
इसी बदलाव के साथ अब आपको यह भी स्पष्ट करना चाहूँगा की आज के परिदृश्य में "हैकर" का मतलब एक ऐसे कंप्यूटर विशेषज्ञ से है, जो अपने तकनीकी ज्ञान का उपयोग कर कंप्यूटर नेटवर्क की बारीक से बारीक दरार को भी ढूंढ सकता है और उसे बंद कर सकता है, जिससे कोई अवांछित व्यक्ति उसमे से नेटवर्क में प्रवेश करके डाटा से हेर फेर ना कर सके या नेटवर्क को नुक्सान न पहुंचा सके |
इस चिट्ठे की पहली तकनीकी पोस्ट होने के नाते मैं इसे संक्षिप्त ही रख रहा हूँ, आशा है आपकी टिप्पणियों के जरिये आपके सुझाव, रुझान इत्यादि के बारे में जान पाऊंगा और आने वाली पोस्टों में आपको और अधिक हैकिंग और क्रैकिंग तथा अन्य टैकपंथी के बारे में अवगत करा पाऊंगा |

~आभार~
(आपके सुझावों तथा टिप्पणियों का इंतज़ार रहेगा) 
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1 comment:

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