Monday 27 August 2012

आईएएस प्रारंभिक परीक्षा 2011 में जनरल स्टडीज की रणनीति


सिविल सर्विस एक्जाम के द्वारा आपको भारत के सभी महत्वपूर्ण कार्य करने वाले अधिकारी के रूप में चयन किया जायेगा. इस एक्जाम के तीन चरण में से पहला चरण पीटी एक्जाम है. पीटी एक्जाम दो भागों में बंटा  है, वे हैं जीएस एवं सीसैट. दोनों पेपर दो घंटे के होंगे, जिसमें 200 अंक होंगे.
जीएस की परीक्षा प्रथम पाली पेपर में होगी.  इसमें इतिहास, भूगोल, अर्थशास्त्र, विज्ञान, राजनीति शास्त्र, करेंट-अफेयर्स एवं पर्यावरण पारिस्थितिकी एवं जैवविविधता इत्यादि से प्रश्न पूछे जायेंगे. पूरा पाठ्यक्रम पिछले पाठ्यक्रम जैसा ही है, कुछ में परिवर्तन किए गए है. इन परिवर्तनों पर पूरा ध्यान रखना अनिवार्य है. ऐसे ही कुछ विषय पर हम चर्चा कर रहे हैं.
राजनीति शास्त्र- के अंतर्गत संविधान एवं संवैधानिक (1) लोकनीति (2) स्थानीय प्रशासन (७३ वां ७४ वां संविधान संशोधन) (3) सामाजिक मुद्दे. लोक नीति के अंतर्गत इसका लोकनीति निर्माण प्रक्रिया,  निर्माण में भाग लेने वाले संस्था सफलता के लिए उपयोगी प्रयास, बाधाएं आदि को पढ़ना है. स्थानीय प्रशासन के अंतर्गत पंचायती राजव्यवस्था एवं विगत वर्षों में विकास, सुधार के प्रयास,  इसका समाज में प्रभाव आदि पड़ना है. सामाजिक मुद्दे के तहत महिला,  बाल,  अनाथ, वृद्ध की समस्याएं एवं सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयास आदि के बारे में पढ़ना है. इसके अतिरिक्त भ्रष्टाचार, बढ़ती अनैतिकता, उत्पीड़न आदि पर अध्ययन किया जाना जरूरी है.

पर्यावरण पारिस्थितिकी एवं जैवविविधता के अंतर्गत विश्व में हो रहे पर्यावरणीय बदलाव एवं प्रकृति और मानव पर इसके प्रभाव को पढ़ना है. इसमें ओजोन लेयर में छिद्र, तापमान में वृद्धि के कारण जीवन में बदलाव आदि. पर्यावरण को मानव द्वारा दूषित करने एवं उसके भयंकर प्रभाव को पढ़ना है. बहुत सारे पेड़-पौधे एवं जन्तुओ के लुप्त होने से पर्यावरणीय संतुलन बिगड़ा है. इन सबके लिए विश्व एवं भारत के साथ आम-आदमी की समझ को बढ़ाना एवं इसका ठोस उपाय सुझाने एवं उसके लिए विश्व स्तर पर बनाये जा रहे नीतियों का गहन अध्ययन होना चाहिए. क्योटो प्रोटोकाल(Kyoto Protocol), UNFCCC आदि, जैसे मुद्दे को विस्तार से अध्ययन करना आवश्यक है. अर्थव्यवस्था को केवल मैट्रिक लाभ-हानि के रूप में न लेकर इसका समाज के साथ-साथ पर्यावरण के ऊपर हो रहे प्रभाव को भी अध्ययन करना है. वैश्वीकरण (Globalisation) के बाद सभी देशों की आर्थिक गतिविधियाँ एक दूसरे के साथ समाहित हो गयी है. इसीलिए भारत एवं पूरे विश्व की आर्थिक गतिविधियों को पढ़ना है. भारत के अन्दर विगत एक वर्ष में हुए आर्थिक गतिविधियों का सूक्ष्म अवलोकन करना जरुरी है. उदाहरण के लिए गरीबी, बेरोजगारी, भुखमरी आदि के लिए सरकारी प्रयास लोक एवं निजी संस्थाओं द्वारा किए विकासोन्मुख काम, सरकार की आयव्यय, आयात-निर्यात की नीति आदि के बारे में पढ़ना  है. इसके लिए आर्थिक सर्वेक्षण 2011  को अवश्य  ही पढ़े, साथ ही भारत 2011 को भी पढ़ें. प्रतियोगिता दर्पण का अर्थव्यवस्था (अतिरिक्तांत) भी अवश्य पढ़ें.
भूगोल में विश्व एवं भारत के भौतिक मानव, एवं आर्थिक भूगोल से प्रश्न पूछे जाते हैं. भूगोल को दसवीं, ग्यारहवीं, बारहवीं की एनसीईआरटी  की पुस्तक, मैप एवं ग्लोब के साथ अध्ययन करना अनिवार्य है. बीडी खुल्लर की ग्यारहवीं एवं बारहवीं की पुस्तक उपयोगी है.

इतिहास में अधिकतम प्रश्न आधुनिक भारत से पूछे जाते हैं. लगभग सभी प्रश्न एनसीईआरटी की  बारहवीं की पुस्तक विपिन चन्द्रा एवं स्पेक्ट्रम की आधुनिक भारत से पूछे जाते हैं प्राचीन एवं मध्य कालीन भारत के इतिहास कला, वास्तुकला, धर्म एवं दर्शन, राजवंश इत्यादि से सम्बंधित प्रश्नों के लिए दसवीं, बारहवीं की एनसीईआरटी  की पुस्तकें उपयोगी है.
विज्ञान में भौतिक रसायन, जीव-विज्ञान से सामान्य प्रश्न पूछे जाते हैं. विज्ञान की  दसवीं  की पुस्तक से इसकी तैयारी होगी. इसमें विशेष ध्यान ये रखना होता है कि प्रश्न दैनिक प्रयोग में हो रहे सिद्धांत से ही पूछे जाते हैं इसीलिए अधिक सिद्धांत की गहनता पर जाने की आवश्यकता नहीं है.

समसामयिकी (Current Affairs) - अधिक संख्या में प्रश्न इसी  भाग से पूछे जाते हैं, जो पूरे प्रश्नपत्र का लगभग 25-30% होते हैं. इसमें जून 2010 से लेकर अप्रैल 2011 तक के विश्व एवं भारत में घटने वाली विभिन्न घटनाओं से प्रश्न होंगे. इसके लिए समाचार पत्र का अध्ययन अत्यधिक उपयोगी है. विवास पनोरमा इस क्षेत्र में उपयोगी पत्रिका है. इसके लिए भारत 2011 का अध्ययन भी जरूरी है. इसमें पुरस्कार, समिति, पुस्तकें, अभियान, संविधान, विकास, चर्चित व्यक्ति, एवं स्थल आदि से प्रश्न पूछे जायेंगे. इन्टरनेट पर जागरण जोश.कॉम करेंट अफेयर्स के लिए सर्वाधिक उपयुक्त साईट है.

प्रत्येक छात्र का कोई विषय मजबूत होता है एवं कोई विषय कमजोर. इसीलिए संतुलन बनाने के लिए हमेशा प्रयास यह करें कि कमजोर क्षेत्र पर अधिक ध्यान दें. और मजबूत विषयों पर अच्छी तरह अभ्यास करें.

लेखक: एमए हक़ (निदेशक, हक़ स्टडी सर्किल नई दिल्ली)

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