Monday 1 April 2013

आईएएस मेन्स सेमीफाइनल की सटीक तैयारी




आईएएस बनने का सपना सभी स्टूडेंट्स देखते हैं, लेकिन तैयारी के बावजूद इस परीक्षा में चंद लोग ही सफल हो पाते हैं। इसका प्रमुख कारण यह है कि तमाम ग्लैरमस कॅरियर के बीच आज भी अधिकांश युवकों का सपना आईएएस, आईपीएस या आईएफएस बनने का होता है। अगर पिछली परीक्षा के टॉप टेन में शामिल अभ्यर्थियों को देखें, तो अधिकांश अभ्यर्थी अपने-अपने क्षेत्र में विशेषज्ञ हैं, लेकिन इसके बावजूद वे भी इस क्षेत्र के क्रेज से बच नहीं पाए। सभी क्षेत्रों के लोगों के आने से यह परीक्षा अत्यंत कठिन हो जाती है। अगर आप भी प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण कर चुके हैं और मुख्य परीक्षा की तैयारी में जुटे हैं, तो आपके लिए अब बहुत कम समय बचा है। परीक्षा 5 अक्टूबर से शुरू है। अगर इस बचे हुए समय का सही सदुपयोग करते हैं, तो आपकी तैयारी औरों से अलग हो सकती है और बेहतर प्रदर्शन करके कामयाबी की नई इबारत लिख सकते हैं।
हर पल है महत्वपूर्ण
इस परीक्षा में सफल स्टूडेंट्स का मानना है कि मुख्य परीक्षा में आप प्रभावी प्रदर्शन तभी कर पाएंगे, जब बचे हुए समय का सही सदुपयोग करेंगे। इस समय नए टॉपिक्स पढने से बचें और जो अभी तक पढे हैं, उसका खूब रीविजन करें। रीविजन ही सफलता की कुंजी है। इसके अलावा आप सबसे पहले इस परीक्षा में पूछे जानेवाले विषयों की एक सूची बना लें और अपनी तैयारी की योजना इसी के अनुरूप करें। अगर आपको लगता है कि आपके जीएस पेपर में कुछ कमी रह गई है, जिसे दो दिनों में कंप्लीट किया जा सकता है, तो आपके लिए बेहतर होगा कि आप सबसे पहले जीएस पेपर की तैयारी में जुट जाएं। उसके बाद ही अन्य पेपर पर ध्यान दें। इस तरह की योजना आपको खुद बनानी होगी और खुद उस पर अमल भी करना होगा। अगर आप इस तरह की योजना हर विषय के साथ बनाते हैं, तो आप अपने बचे हुए समय का सही सदुपयोग करने में सफल हो सकते हैं।
गैप को ध्यान में रखकर करें तैयारी
सफल लोग कोई अलग काम नहीं करते हैं, बल्कि हर काम अलग ढंग से करते हैं। अगर आपको मुख्य परीक्षा में बेहतर स्कोर करना है, तो आपको भीड से अलग होने के लिए कुछ अलग सोचना होगा। आप सबसे पहले यह देखें कि आपका ऑप्शनल विषय कब है। अक्सर देखा जाता है कि दो ऑप्शनल विषयों के बीच काफी दिनों का गैप होता है। अगर आपके साथ भी इस तरह की स्थिति है, तो बेहतर होगा कि आप अपने विषयों की तैयारी इस बचे हुए समय के लिए रख दें और इस बचे हुए समय का सदुपयोग अन्य कमजोर विषयों के रीविजन करें। इससे आपको अन्य विषयों की तैयारी के लिए कुछ अतिरिक्त समय मिल जाएगा।
समय प्रबंधन है अहम
सिविल सेवा की मुख्य परीक्षा में अपनी सफलता सुनिश्चित करनी है, तो सभी प्रश्नपत्रों पर बराबर ध्यान दें। ऐसा न हो कि एक पेपर पर आप खूब मेहनत करें और दूसरे पर कम ध्यान दें। यदि आप सभी प्रश्नपत्रों में अधिकाधिक अंक हासिल करेंगे, तो सिविल सेवा में आपका चयन काफी हद तक सुनिश्चित हो जाएगा। मुख्य परीक्षा के कुल 2000 अंकों में से यह आप पर निर्भर करता है कि आप इसमें से कितने अंक बटोर पाते हैं। आप मुख्य परीक्षा में जितने ज्यादा अंक पाएंगे, उससे न केवल इस परीक्षा में आपकी सफलता पक्की होगी, बल्कि आप मेरिट लिस्ट में ऊपरी स्थान पाकर आईएएस, आईपीएस, आईएफएस या समकक्ष कैडर के अधिकारी बन सकेंगे।
अनिवार्य विषय पर दें ध्यान
आईएएस की तैयारी करनेवाले अधिकांश अभ्यर्थी जनरल इंग्लिश और सामान्य हिंदी की तैयारी के प्रति गंभीर नहीं होते हैं। इसका परिणाम यह होता है कि बाद में उन्हें अनेक तरह की परेशानियों का सामना करना पडता है और समयाभाव के कारण अंतिम समय में अपनी रणनीति और भाग्य को कोसते हैं। यूपीएससी की परीक्षा में सभी विषयों का समान महत्व होता है। आप किसी भी विषय को छोडकर आगे नहीं बढ सकते हैं। यदि आप इसमें क्वालीफाइंग मा‌र्क्स लाने में सफल होंगे, तभी अन्य विषयों का मूल्यांकन किया जाएगा। इस कारण इसे हल्के में लेने की भूल कभी न करें। आपके लिए सबसे बेहतर रास्ता यह है कि क्वालीफाइंग नेचर के जनरल इंग्लिश और सामान्य हिन्दी के प्रति कतई लापरवाही न बरतें और इसकी भी तैयारी अच्छी तरह से करें।
साइंटिफिक सोच जरूरी
मुख्य परीक्षा में सफल कई टॉपर्स का मानना है कि कुछ स्टूडेंट्स यह सोचते हैं कि निबंध में थोडी तैयारी करके अच्छे अंक प्राप्त किए जा सकते हैं। इस तरह की बातें ठीक नहीं हैं। निबंध में आप बेहतर अंक तभी ला सकते हैं, जब आप साइंटिफिक तरीके से इसकी तैयारी करते हैं। ल्ल फोकस्ड हैं तो बेहतर है- बेहतर और आदर्श स्थिति यह होगी कि पहले से ही एक क्षेत्र निर्धारित कर लें कि मुझे इन्हीं क्षेत्रों से रिलेटेड प्रश्नों का उत्तर लिखना है। उदाहरण के लिए यदि आप पहले से यह निर्धारित कर लेते हैं कि मुझे राजनीति से संबंधित क्षेत्रों पर ही निबंध लिखना है, तो आपके लिए बेहतर स्थिति होगी और आप तैयारी को भी अंतिम रूप देने में सफल होंगे। ल्ल घडी पर रखें नजर- इस परीक्षा में निबंध का एक अनिवार्य पेपर होता है, जिसमें तीन घंटे में किसी एक विषय पर निबंध लिखना होता है। इस समय में आप सूझ-बूझ के साथ व्यवस्थित और तर्कपूर्ण ढंग से लिखें।
प्रैक्टिस का नहीं है?
जोड- इस पेपर का मकसद आपकी सोच, भाषा-शैली और सहज अभिव्यक्ति क्षमता को परखना होता है। इसके लिए खूब प्रैक्टिस करें। इसके अतिरिक्त यदि आपके आस-पास कोई ऐसा मित्र या परिचित है, जो इस परीक्षा में पहले सफलता हासिल कर चुका है, तो उससे मशविरा लेकर तैयारी की स्ट्रेटेजी बना सकते हैं।
चुनें क्वालिटी स्टडी मैटीरियल- आप अपने विषय से संबंधित टॉपिक्स भी पढ सकते हैं और महत्वपूर्ण टॉपिक्स को नोट भी कर सकते हैं। इन दिनों बाजार में सिविल सेवा की परीक्षा से संबंधित कई मैग्जीन्स आ रही हैं, जिसमें विभिन्न विषयों के विशेषज्ञों के लेख छपे होते हैं। आप इसे अवश्य पढें और खुद को हमेशा अपडेट करते रहें।
लेखन क्षमता से बनेगी बात- आईएएस परीक्षा की तैयारी में लगे छात्रों की एक आम समस्या होती है कि वे पढते तो खूब हैं, लेकिन लेखन अभ्यास में कमी के चलते निबंध जैसे प्रश्नपत्रों में खासी मुश्किलों का सामना करते हैं। लिहाजा उन्हें विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि लगातार लिखने का अभ्यास करें। अपने विचारों के उतावलेपन को संतुलन की बाढ में बांधने के लिए किया गया यह लेखन अभ्यास बहुत काम आएगा। इसके अलावा माना भी जाता है?कि निबंध लेखन एक अनवरत प्रक्रिया है?इसमें आपकी शली, भाषा पर पकड, नजरिया, तथ्य व उनके श्चोत सभी की जांच की जाती है। अतएव अभी से इन चीजों पर नियंत्रण के लिए अभ्यास शुरू कर दें।
सभी विषयों में चुनें कोर एरिया
इस परीक्षा में सफल सभी स्टूडेंट्स का यही मानना है कि आप इस परीक्षा में सफलता तभी प्राप्त कर सकते हैं, जब आप सिलेबस के अनुरूप पूरी तैयारी करेंगे।
तय करें प्राथमिकताएं- आईएएस परीक्षा में अब बहुत कम वक्त बचा है। इस बचे हुए समय में पूरे सिलेबस की तैयारी संभव नहीं है। इसलिए बेहतर तैयारी करने की रणनीति यही है कि आप इस समय उन्हीं क्षेत्रों, टॉपिक्स अथवा अध्यायों पर फोकस करें, जिससे पिछले पांच वषरें में सर्वाधिक प्रश्न पूछे जा रहे हैं।
नोट्स पर करें भरोसा- कम समय में पुख्ता तैयारी का सबसे अच्छा जरिया आपके बनाए नोट्स होते हैं। यह हम नहीं बल्कि विशेषज्ञ कहते हैं। इस लिहाज से तैयारी के इस मोड पर बेहतर होगा कि आप किताबों के ढेर में उलझने के बजाय साल भर की मेहनत से तैयार किए गए नोट्स पर ध्यान दें।
लास्ट मिनिट्स टच है महत्वपूर्ण- आप कितना ही अध्ययन क्यों न कर लें, लेकिन आईएएस जैसे विषद पाठ्यक्रम में अंतिम समय में कुछ न कुछ महत्वपूर्ण छूट ही जाता है। लिहाजा अच्छा होगा कि आप तैयारी को अंतिम रूप देते समय कुछ बैकअप टाइम भी रखें। इस समय का उपयोग आप सरसरी तौर पर अब तक छूट रहीं चीजों पर निगाह डालने के लिए कर सकते हैं।
कायदे मुख्य परीक्षा के
मुख्य परीक्षा निबंधात्मक प्रकृति की परीक्षा है, जिसमें अनिवार्य और वैकल्पिक विषय मिलाकर कुल नौ विषयों की परीक्षा देनी होती है। सामान्य हिन्दी (या कोई अन्य भारतीय भाषा) और सामान्य अंग्रेजी के अनिवार्य पेपर (दोनों 300-300 अंक के) केवल क्वालीफाइंग नेचर के होते हैं, यानी इसमें केवल आयोग द्वारा निर्धारित न्यूनतम अर्हक अंक पाना होता है। इसके अंक मेरिट लिस्ट बनाते समय नहीं जोडे जाते। इसके बाद अनिवार्य विषय के तहत निबंध का प्रश्नपत्र (200 अंक का) और सामान्य अध्ययन के दो प्रश्नपत्र (प्रत्येक 300 अंक का) तथा अभ्यर्थी द्वारा चुने गए दो वैकल्पिक विषयों के दो-दो प्रश्नपत्र (प्रत्येक प्रश्नपत्र 300 अंक का) शामिल होते हैं।
उत्तर लिखने का करें अभ्यास
इस परीक्षा में असफल होनेवाले स्टूडेंट्स की मानें तो आपकी तैयारी अगर अच्छी है, लेकिन आपने लिखने की प्रैक्टिस नहीं की है, तो विषय की अच्छी जानकारी होने के बावजूद सफलता नहीं मिल सकती है।
तथ्य परक उत्तरों से ही मिलेंगे अंक
इस परीक्षा में बेहतर और सटीक उत्तर लिखने पर ही मा‌र्क्स दिए जाते हैं। मुख्य परीक्षा की प्रकृति निबंधात्मक होती है। इसमें जीएस और ऑप्शनल पेपर के आंसर निर्धारित शब्दों में लिखने होते हैं, इसलिए यहां पन्ना भरू शली से बचें।
शब्द सीमा का रखें ख्याल
जो उत्तर जितने शब्दों में मांगे जा रहे हैं, उसे उतनी ही शब्दों में टू दी प्वाइंट लिखने का अभ्यास अभी से करें। कुछ स्टूडेंट्स इसका पालन नहीं करते हैं, उसके साथ समस्या यह होती है कि अधिक उत्तर लिखने के सिलसिले में वह अन्य प्रश्नों को जानकर भी समयाभाव के कारण नहीं लिख पाते हैं।
गत प्रश्न पत्रों को बनाएं आधार
चयनात्मक अध्ययन के लिए पिछले वर्षो के प्रश्नपत्रों के आधार पर अपने ऑप्शनल विषयों के प्रश्न गेस करें और उनके आदर्श उत्तर तैयार करें। परीक्षा में एक प्रश्न से जुडे उप-प्रश्न भी होते हैं, इसलिए गेस किए गए प्रश्नों के उत्तर तैयार करते समय इससे संबंधित सभी पहलुओं का भी ध्यान रखें।
लिखें संतुलित
याद रखिए आईएएस परीक्षा में लिखे गए आपके हर शब्द से आपकी विचारधारा, व्यक्तित्व का पता चलता है। ऐसे में किसी खास नीति, पक्ष की ओर दिखाया गया झुकाव आपके लिए यहां घातक साबित हो सकता है। इसलिए उत्तर लिखने में संतुलित दृष्टि अपनाएं और अपने लिखे हुए हर शब्द की कीमत पहचानें।
आईएएस ही क्यों?
कॅरियर कई हैं, लेकिन प्रशासनिक सेवा की बात ही कुछ और है। देश सेवा, व्यवस्था परिवर्तन क कुंजी, रुतबा कुछ ऐसी चीजें हैं, जो भारतीय प्रशासनिक सेवाओं को भविष्य के दूसरे विकल्पों से बहुत आगे रखती हैं..
आखिर क्या बात है भारतीय प्रशासनिक सेवा में कि सालों बाद भी उसके लिए युवाओं की ललक जस की तस है। ऐसा नहीं है कि इन युवाओं के पास चमचमाते विकल्पों या फिर बेहतर सेलरी वाले कॅरियर्स की कमी है। बावजूद इसकेवे इन चमचमाती च्वाइसेज को प्रशासनिक सेवाओं के लिए दरकिनार कर रहे हैं। आज देश के कोने-कोने में सालों, दिन रात एक करके परीक्षा की तैयार करते युवा आईएएस की लोकप्रियता की कहानी कहते हैं।
पहचान बनाने का मौका- आज हर आदमी खुद की पहचान बनाने में लगा है। इसके लिए वे अपने स्तर पर प्रयास भी करते हैं और इस जद्दोजहद में दूसरों से कुछ हटकर करने क कोशिश में वे अपनी पहचान बना भी लेते हैं लेकिन कम ही होता है कि उनकी पहचान देश में बदलावों से जोडकर देखी जाती है। आईएएस परीक्षा एक ऐसा ही माध्यम है? जो आपको अलग पहचान बनाने के साथ देश में परिवर्तनों का वाहक बनने का अवसर भी देती है।
प्राइवेट सेक्टर से है अलहदा- तमाम विकल्पों के बीच आज भी इस क्षेत्र का रुतबा कुछ ऐसा है कि हर साल लाखों छात्र यहां खुद को आजमाते हैं। वे विफल हो या सफल हो यह अलग मुद्दा है? लेकिन परीक्षा में उनकी बडे स्तर पर हिस्सेदारी सिविल सर्विस के महत्व को बयां करने के लिए काफी है।
राष्ट्र निर्माण में अगुआ- स्वयं संविधान, आदर्श प्रशासन की संकल्पना में सिविल सर्विस के महत्व को रेखांकित करते हुए देश की पोर-पोर में व्यवस्था बहाली की कुंजी प्रशासनिक अधिकारियों को देता है। विकास की कोई भी परियोजना हो, जनकल्याण का कैसा भी मसौदा हो, प्राकृतिक आपदा के कितने भी कठिन क्षण हों, पहली प्रतिक्रिया प्रशासन की ओर से ही आती है। ऐसे में कहा जाए कि देश के विकास के ककहरे की शुरुआत सक्षम प्रशासन से होती है तो अतिशयोक्ति नहीं है।
मिलेगा आत्मसंतोष- आपने अपने बचपन में अपने आस-पास मुसीबतग्रस्त लोगों को देखा होगा। कई बार आपका दिल भी उनके दर्द को देखकर भर आया होगा। पर सवाल यही बाकी रहा कि उनकी दिक्कतें दूर कैसे की जाएं? भारतीय प्रशासनिक सेवा अब तक आपके मन के कोने में पल रहे इस प्रश्न का वाजिब हल है। यहां काम करते हुए आप अपने समूचे अधिकारों का इस्तेमाल देशवासियों के कष्ट, उनकी रोजाना की परेशानियों को हल करने में कर सकते हैं। यहां अपने काम से मिले संतोष का कोई?मुकाबला नहीं है।
जेआरसी टीम

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