Monday 1 April 2013

फाइनल टच देने का समय


29 अक्टूबर से शुरू होने वाली सिविल सर्विसेज मुख्य परीक्षा के लिए अब पढने का समय अधिक नहीं है। शेष समय का सदुपयोग अभ्यर्थियों को सफलता दिला सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, परीक्षा की तैयारी पिरामिड संरचना पर आधारित होती है। इसमें शुरुआती दौर की तैयारी तो संपूर्ण सिलेबस कवरेज से होती है, किंतु परीक्षा का समय जैसे-जैसे नजदीक आता है, वैसे-वैसे पिरामिड के शीर्ष की भांति तैयारी भी सिलेबस के कोर एरिया पर केंद्रित हो जाती है।
स्ट्रेटेजी है महत्वपूर्ण
किसी भी परीक्षा में स्ट्रेटेजी का महत्वपूर्ण रोल होता है। इस परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों का मानना है कि यह समय स्टूडेंट्स के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है। इस कारण किसी बाहरी दबाव में न आकर अपनी योग्यता और तैयारी के अनुरूप योजना बनाना कारगर होता है। योजना बनाते समय आप यह देखें कि किस विषय की परीक्षा कब है और उसकी तैयारी के लिए आपको कितने दिनों का समय मिलता है। सिविल सेवा की परीक्षा में कुछ वैकल्पिक विषयों में काफी गैप मिल जाते हैं। यदि आपको भी इस तरह के गैप मिलते हैं, तो आप वैकल्पिक विषयों की तैयारी के लिए बीच का समय रिजर्व रख सकते हैं। इन बचे हुए समय का सदुपयोग आप अन्य अनिवार्य विषयों की तैयारी में लगाएंगे, तो आप समय का सही उपयोग करने में सफल होंगे और अन्य स्टूडेंट्स की अपेक्षा फायदे में भी रहेंगे। यद्यपि तैयारी के दौरान इन मैरिट सूची निर्धारित करने वाले विषयों पर ज्यादा समय दिया जाना चाहिए, किंतु क्वालीफाइंग विषयों को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।
सिर्फ रिवीजन है जरूरी
अभ्यर्थियों को पूर्व में अपनी रुचि तथा पकड के हिसाब से चयनित टॉपिक पर एकत्रित किए गए पाठ्य सामग्री/मैटेरियल्स के मुख्य बिंदुओं का बार-बार रिवीजन करना चाहिए। अभ्यर्थियों को शेष बचे समय में तीन-चार निबंध लिखकर अभ्यास करना चाहिए। यदि निबंध में क्रमबद्धता, मौलिकता एवं कंटेंट संबंधी समस्या है, तो उसे समय रहते दूर करने का अभ्यास कर सकते हैं। सामान्य अध्ययन के प्रथम पत्र का सिलेबस पूरी तरह ट्रेडिशनल है।
सभी प्रश्नों पर दें समान समय
परीक्षा भवन में उत्तर लिखते समय सभी प्रश्रनें पर एक समान समय देने का पूरा प्रयास करें। ऐसा न हो कि अपने पसंदीदा प्रश्रनें पर आप एक घंटे से ज्यादा का समय दे दें। इससे आखिरी दो प्रश्रनें के जवाब लिखने के लिए आपके पास समय ही नहीं बचेगा। इससे बचने के लिए पहले ही समय तय कर लें कि प्रत्येक प्रश्न पर करीब 35 मिनट का समय (खासकर वैकल्पिक विषयों के प्रश्रन्पत्रों में) देना है, क्योंकि सामान्यतया इनमें तीन घंटे में पांच प्रश्रनें के उत्तर देने होते हैं। चूंकि सामान्य अध्ययन के पेपर में प्रश्रन् ज्यादा होते हैं, इसलिए वहां भी शुद्धता और गति का ख्याल रखना जरूरी होता है।
प्रश्नों को देखें, तब उत्तर दें
परीक्षा भवन में पेपर मिलने के बाद उत्तर लिखना न आरंभ कर दें। सबसे पहले सभी प्रश्रनें पर नजर डालें और उनका विश्लेषण करें। यह देखें कि किन-किन प्रश्नों के उत्तर आपको अच्छी तरह से आते हैं। ऐसे प्रश्रनें को पहले से तय कर लें। इसमें भी जो प्रश्रन् आपका सबसे पसंदीदा हो, सबसे पहले उसका उत्तर लिखना आरंभ करें। इसके बाद प्राथमिकता के हिसाब से उत्तर लिखें। उत्तर लिखते समय प्रश्न के सभी पहलुओं का ध्यान रखें, क्योंकि अगर कोई भी पहलू छूट गया, तो आपका उत्तर अधूरा माना जाएगा और आपको इस पर पूरे उत्तर नहीं मिलेंगे। बेहतर होगा कि उत्तर लिखने से पहले ही इसका एक खाका अपने दिमाग में या फिर रफ पेपर पर बना लें, जिसमें बिंदुओं के रूप में उन बातों को लिख लें, जिन्हें अपने उत्तर में शामिल करना है।
विजय झा

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