Monday 1 April 2013

अब खुलेगा आईपीएस की पदोन्नतियों का पिटारा


वाराणसी [एल एन त्रिपाठी]। दो-तीन वर्ष से पदोन्नति का इंतजार कर रहे सूबे के आईपीएस अधिकारियों की पदोन्नति का पिटारा अब खुलने जा रहा है। सेलेक्शन ग्रेड [एसएसपी] से लेकर एडीजी तक के 128 पदों पर आईपीएस अधिकारियों की पदोन्नति के लिए केन्द्र सरकार से मंजूरी मिल गई है। साथ ही पीपीएस से आईपीएस बनने का रास्ता भी साफ हो रहा है। पीपीएस एसोसिएशन अध्यक्ष जुगल किशोर के अनुसार शासन ने पीपीएस से आईपीएस में पदोन्नतियों की कार्रवाई दो माह में करने का आश्वासन दिया है।
प्रदेश में प्रांतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों की पदोन्नतियां आरक्षण विवाद के चलते काफी समय से अटकी पड़ी हैं। वरिष्ठता सूची तय न होने के चलते आईपीएस में इनकी पदोन्नति नहीं हो पा रही थी। इसका असर आईपीएस अधिकारियों पर भी पड़ा है। वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों की माने तो पुलिस कप्तान पद के लिए नए अधिकारी उपलब्ध न होने के चलते शासन ने तीन वर्षो में एसपी व डीआईजी की पदोन्नतियां रोक रखी हैं। इसके चलते जिन्हें अब तक डीआईजी हो जाना था वह अभी एसएसपी पर तैनात हैं। यही हाल डीआईजी का भी है। डीआईजी कम होने के चलते उनकी आईजी में पदोन्नति अटकी पड़ी है। आईजी व एडीजी संवर्ग में समस्या नहीं है। पूर्व में पदोन्नतियां समय से होने के चलते प्रदेश में आईजी व एडीजी की संख्या खासी अधिक है।
दो से तीन वर्ष पीछे चल रही यह पदोन्नतियां अब दुरुस्त होंगी। केन्द्र सरकार ने पदोन्नति के लिए मंजूरी दे दी है। इसमें एडीजी के 12, आईजी के 34, डीआईजी के 60 व एसएसपी 22 पद शामिल हैं। वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों की माने तो 85 बैच के आईपीएस एडीजी, 92 बैच के आईजी व 97 बैच के डीआईजी बन जाएंगे। 1999 बैच के अधिकारियों को सेलेक्शन ग्रेड मिल जाएगा। आईपीएस की इन पदोन्नतियों से पीपीएस को भी खासा फायदा होने का अनुमान है।
पीपीएस से आईपीएस में पदोन्नति के लिए 68 पद फिलहाल रिक्त हैं। पदों पर पदोन्नति के लिए शासन ने सहमति जता दी है। शासन ने पदोन्नति की कार्रवाई में दो माह में करने का आश्वासन दिया है।
सीमित प्रतियोगी परीक्षा का विरोध करे सरकार : प्रांतीय पुलिस सेवा के पदाधिकारियों ने प्रांतीय अध्यक्ष जुगल किशोर की अगुवाई में एक मई को लखनऊ में प्रमुख सचिव गृह के साथ मुलाकात की थी। बुधवार को उन्होंने बताया कि आईपीएस अधिकारियों की कमी को पूरा करने के लिए केन्द्र सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा प्रस्तावित सीमित प्रतियोगी परीक्षा (लिमिटेड काम्पीटीटिव एक्जाम) का शासन स्तर से विरोध करने का अनुरोध किया गया है। इस मामले में हाईकोर्ट में पहले से ही याचिका लंबित है। बीस मई को प्रस्तावित इस परीक्षा में 35 साल तक की उम्र व पांच वर्ष का अनुभव रखने वाले पीपीएस के साथ ही सेना व अ‌र्द्धसैनिक बलों के अधिकारी भी शामिल हो सकते हैं। इससे पीपीएस अधिकारियों की पदोन्नतियां प्रभावित होंगी। संघ ने साथ ही कैडर रिव्यू करने, अन्य प्रांतीय सेवाओं के समान ही पीपीएस को भी वेतन देने तथा 54 वर्ष से ऊपर के व आईपीएस न बन पाने वाले पीपीएस अधिकारियों के पद चिन्हित कर उन्हें पदनाम देने आदि की मांग की है। प्रमुख सचिव गृह ने डीजीपी से मांगो पर सहानुभूति पूर्वक विचार कर रिपोर्ट देने को कहा है।

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