Thursday 29 November 2012

जब डीजीपी मुख्यमंत्री के पैरों के सामने लेट सकते हैं...


लखनऊ [जागरण ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश में आईपीएस अफसरों को आईएएस अधिकारियों के सामने झुकने पर मजबूर किया जाता है। गलती न होने पर भी उन्हें ही अकड़ न दिखाने को कहा जाता है।
पुलिस कप्तान को नसीहत भी दी जाती है कि जब प्रदेश के डीजीपी मुख्यमंत्री के पैरों के सामने लेट सकते हैं तो उन्हें डीएम के सामने झुकने में क्या समस्या है? यह आरोप सिद्धार्थनगर के हटाए गए पुलिस कप्तान मोहित गुप्ता के हैं, जो उन्होंने 26 जनवरी को डीजीपी अतुल को भेजे गए पत्र में लगाए थे।
इस पत्र में उन्होंने बस्ती प्रकरण में अपनी गलती न होने का जिक्र करते हुए लिखा है कि बस्ती के हटाए गए कमीश्नर अनुराग श्रीवास्तव व सिद्धार्थनगर की पूर्व डीएम सुश्री चैत्रा वी पुलिस अफसरों के प्रति नकारात्मक सोच रखते हैं। 26 जनवरी को बस्ती के मंडलायुक्त ने चुनाव समीक्षा संबंधी एक बैठक बुलाई थी। इस बैठक में अनुराग श्रीवास्तव ने सिद्धार्थनगर के निर्वाचन व्यवस्थापन प्लान बनाने में देरी होने की वजह पूछी, पर उनका जवाब सुनते ही वह भड़क गए। कहा कि तुम्हारी इतनी मजाल कि डीएम के बुलाने पर गए नहीं और तुम अपने को समझते क्या हो, डीएम तुम्हारी बॉस है। सिद्धार्थनगर की डीएम सुश्री चैत्रा वी ने कई बार उनके साथ नियम विरुद्ध आचरण किया। जिले में थानाध्यक्षों की तैनाती संबंधी प्रस्तावों पर अपरंपरागत आपत्तियां लगाई। जिसके बारे में प्रमुख सचिव गृह को उन्होंने अवगत कराया था। अनुराग श्रीवास्तव द्वारा शासन में मोहित की शिकायत करने का जिक्र भी पत्र में किया गया है।
मोहित के अनुसार मंडलायुक्त ने शासन में मेरी शिकायत की थी कि मैंने उन्हें काल-ऑन नहीं किया। इस मामले में मैं उनसे मिला और उनसे माफी मांगी। इस मुलाकात में उन्होंने मुझसे कहा कि डीएम सिद्धार्थनगर का स्वभाव ठीक नहीं है, वह जिला स्तरीय सभी अफसरों से लड़ चुकी हैं। आपके और डीएम के बीच में जो समस्याएं हैं उनके लिए प्रमुख रूप से डीएम जिम्मेदार हैं परंतु आपको अकड़ नहीं रखनी चाहिए, क्योंकि झुकना तो पुलिस अधिकारियों को ही पड़ता है।
यह भी कहा कि जब वह विशेष सचिव मुख्यमंत्री थे तब उन्होंने तत्कालीन डीजीपी को मुख्यमंत्री के पैरों में पड़ा देखा है। जब डीजीपी एक महिला मुख्यमंत्री के पैरों में लेट सकता है तो आपको डीएम के सामने झुकने में क्या समस्या है।
सरकारी प्रवक्ता से इस मामले में पूछे जाने पर कहा कि दो सदस्यीय समिति मामले की जांच कर रही है। ऐसे में उक्त पत्र पर अभी कुछ कहना उचित नहीं होगा।
अनुराग व मोहित
से पूछताछ की
लखनऊ [जागरण ब्यूरो]। बस्ती प्रकरण की जांच के लिए बनी दो सदस्यीय समिति ने मंगलवार को बस्ती के हटाए गए कमिश्नर अनुराग श्रीवास्तव तथा सिद्धार्थनगर के पूर्व एसपी मोहित गुप्ता का पक्ष जाना। सूत्रों के अनुसार समिति के सदस्य औद्योगिक विकास आयुक्त वीएन गर्ग और डीजी भ्रष्टाचार निवारण संगठन अरूण कुमार गुप्ता इस मामले में अब सिद्धार्थनगर तथा संतकबीर नगर के अधिकारियों से लिए गए बयान का मिलान कर अपनी रिपोर्ट शासन को देंगे। समिति को सरकार ने बस्ती प्रकरण पर बुधवार तक रिपोर्ट देने का समय दिया है। तय समय में अपनी रिपोर्ट देने के लिए गत सोमवार को समिति के दोनों सदस्यों ने बस्ती जाकर गत 26 जनवरी को अनुराग श्रीवास्तव की बैठक में मौजूद रहे कई अधिकारियों के बयान लिए थे।

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