Wednesday 28 November 2012

देश की पहली नर्स बनी आइएएस


india first nurse IAS

तिरुअनंतपुरम। मां-बाप अपने बच्चों के लिए कई सपने देखते हैं और समय के साथ उनके यह सपने बच्चों के सपने बन जाते हैं। केरल के एक छोटे से गांव के किसान की ख्वाहिश थी कि उसकी बेटी आइएएस बने। अपनी साम‌र्थ्य अनुसार उसे पढ़ाया-लिखाया और आज उसी बेटी ने यह सपना साकार कर दिखाया है। यह बेटी कोई और नहीं एनीज कनमणि जॉय हैं, जिन्होंने आइएएस की परीक्षा में 65वां स्थान प्राप्त किया है। वह देश की पहली नर्स हैं जिन्होंने सिविल सेवा परीक्षा पास की है।
यह पहला मौका नहीं है जबकि एनीज ने सिविल सेवा की परीक्षा पास की है। साल 2011 में उनकी 580वीं रैंक थी। उसी के तहत वह अभी भारतीय अकाउंट सेवा के तहत आफिसर ट्रेनिंग ले रही हैं। एनीज ने बताया कि बचपन से ही पिताजी ने आइएएस बनने का सपना सिखाया, लेकिन मैंने इसके लिए तैयारी इंटर्नशिप के बाद ही शुरू की। एनीज का कहना है कि लोग अक्सर सोचते हैं कि ग्रामीण पृष्ठभूमि का होने से मुश्किलें बढ़ जाती हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। मैं केरल की हूं जहां शिक्षा का खासा महत्व है। हालांकि एनीज का सपना डॉक्टर बनने का था, लेकिन मेडिकल परीक्षा में अच्छी रैंक नहीं आने से उन्हें मजबूरी में बीएससी [नर्सिग] करना पड़ा। एनीज का कहना है हालांकि नर्सिग का पेशा कभी भी उनकी प्राथमिकता नहीं था, लेकिन सिविल सेवा की परीक्षा में इससे खासी मदद मिली। अपने काम में हमें तुरंत फैसले लेने पड़ते हैं, ऐसे में यह परीक्षा के लिहाज से बहुत मददगार साबित हुआ। एनीज बताती हैं कि सिविल परीक्षा की तैयारी के लिए उन्होंने प्रतिदिन नौ घंटे की पढ़ाई की। इस दौरान उन्होंने दोस्तों से दूरी बनाकर रखी। सिर्फ और सिर्फ पढ़ाई पर ध्यान दिया। उन्होंने बताया, 'परीक्षा से पहले सोचा कि किसी आइएएस नर्स से सलाह लेनी चाहिए, लेकिन मैं ऐसी किसी नर्स को नहीं ढूंढ़ पाई। हालाकि मुझे इस बारे में पता इम्तिहान पास कर लेने के बाद ही चला।'

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